ये है भारत का 10 हजार रुपए का नोट, 1938 में छापा गया था पहली बार
फोटोः आरबीआई द्वारा 1938 में छापा गया 10 हजार रुपए का नोट
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ने अपने 80 साल पूरे कर लिए हैं। आरबीआई की 80वीं वर्षगांठ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले कागज और स्याही के स्वदेशी होने की इच्छा जताई थी। इससे भारत में छपने वाले नोटों की छपाई में लगने वाली लागत में काफी कमी आएगी। जल्द ही देश में तैयार कागज पर नोट छपेंगे। लेकिन, क्या आपको पता है कि पहले भी भारत में बने कागज पर नोट छपते थे, यही नहीं भारत में 10000 रुपए का नोट भी छप चुका है। अगर नहीं जानते तो हम आपको बताएंगे कि कब और किसने छापा था 10 हजार का नोट और आरबीआई अभी भी इस नोट की छपाई कर सकता है।
1938 में छापा गया था 10,000 रुपए का नोट
1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपए का नोट भारत में छापा गया था। रिजर्व बैंक ने जनवरी 1938 में पहली पेपर करंसी छापी थी, जो 5 रुपए नोट की थी। इसी साल 10 रुपए, 100 रुपए, 1,000 रुपए और 10,000 रुपए के नोट भी छापे गए थे। हालांकि, 1946 में 1,000 और 10 हजार के नोट बंद कर दिए गए। 1954 में एक बार फिर से 1,000 और 10,000 रुपए के नोट छापे गए। साथ ही 5,000 रुपए के नोट की भी छपाई की गई। लेकिन, 1978 में इन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
पहले बैंक छापते थे नोट
पेपर करंसी छापने की शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई। सबसे पहले बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास जैसे बैंकों ने पेपर करंसी छापी थी। पेपर करंसी एक्ट 1861 के बाद करंसी छापने का पूरा अधिकार भारत सरकार को दे दिया गया। 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना तक भारत सरकार करंसी छापती रही, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने यह जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली।