गौतम बुद्ध के अनमोल वचन | Incredible Quotes By Gautam Buddha In Hindi

Updesh - - हिन्दी में गौतम बुद्ध Suvichar विचार: 

एक सुराही बूंद-बूंद से भरता है |
-गौतम बुद्ध 
सभी गलत कार्य मन से ही उपजाते हैं | अगर मन परिवर्तित हो जाय तो क्या गलत कार्य रह सकता है |
 -गौतम बुद्ध 
एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए ; क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है, लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर  जाएगा. 
-गौतम बुद्ध 
एक हजार खोखले शब्दों से एक शब्द बेहतर है जो शांति लता है |
-गौतम बुद्ध 
 
अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है| परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो |
-गौतम बुद्ध 
अतीत पर ध्यान केन्द्रित मत करो, भविष्य का सपना भी मत देखो, वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करो | 
-गौतम बुद्ध 
आप को जो भी मिला है उसका अधिक मूल्याङ्कन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें. वे लोग जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, उन्हें मन को शांति कभी प्राप्त नहीं होती |
-गौतम बुद्ध 
 
चतुराई से जीने वाले लोगों को मौत से भी डरने की जरुरत नहीं है | 
-गौतम बुद्ध 
 
घृणा, घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि प्रेम से घटती है, यही शाश्वत नियम है |
-गौतम बुद्ध 

वह व्यक्ति जो 50 लोगों को प्यार करता है, 50 दुखों से घिरा होता है, जो किसी से भी प्यार नहीं करता है उसे कोई संकट नहीं है |
-गौतम बुद्ध 
 
स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन तथा विश्वसनीयता सबसे अच्छा संबंध है|
-गौतम बुद्ध 

क्रोधित रहना, किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है, जो तुम्ही को जलती है | 
-गौतम बुद्ध 
  
आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें, लेकिन जब तक उनपर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है |
-गौतम बुद्ध 
 
मनुष्य का दिमाग ही सब कुछ है, जो वह सोचता है वही वह बनता है |
-गौतम बुद्ध 

जीभ एक तेज चाकू की तरह बिना खून निकाले ही मार देता है |
-गौतम बुद्ध 

सत्य के रस्ते पर कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है, या तो वह पूरा सफ़र तय नहीं करता या सफ़र की शुरुआत ही नहीं करता |
-गौतम बुद्ध 
हजारों दियो को एक ही दिए से, बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा सकता है | ख़ुशी बांटने से ख़ुशी कभी कम नहीं होती |
-गौतम बुद्ध 

तीन चीजों को लम्बी अवधि तक छुपाया नहीं जा सकता, सूर्य, चन्द्रमा और सत्य |
-गौतम बुद्ध 

शारीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्त्तव्य है, नहीं तो हम अपने दिमाग को मजबूत अवं स्वच्छ नहीं रख पाएंगे |
-गौतम बुद्ध 

हम आपने विचारों से ही अच्छी तरह ढलते हैं; हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं| जब मन पवित्र होता है तो ख़ुशी परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ चलती है |
-गौतम बुद्ध 

अपने उद्धार के लिए स्वयं कार्य करें. दूसरों पर निर्भर नहीं रहें |
-गौतम बुद्ध