Vasant Navratri 2015 | best suvichar in hindi

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नवरात्र शब्द से ‘नव अहोरात्रों (विशेष रात्रि) का बोध’ होता है। इस समय शक्ति के नव रूपों की उपासना की जाती है क्योंकि ‘रात्रि’ शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने रात्रि को दिन की अपेक्षा अधिक महत्व दिया है। यही कारण है कि दीपावली, होलिका, शिवरात्रि और नवरात्र आदि उत्सवों को रात में ही मनाने की परंपरा है। यदि, रात्रि का कोई विशेष रहस्य न होता तो ऐसे उत्सवों को रात्रि न कह कर दिन ही कहा जाता। जैसे- नवदिन या शिवदिन। लेकिन हम ऐसा नहीं कहते।
इस बार चैत्र नवरात्र नौ की जगह आठ दिन का होगा। इसका शुभारंभ 21 मार्च से हो रहा है । इस दिन गुड़ी पड़वा और विक्रम नवसंवत्सर का शुभारंभ भी होगा । शुक्ल पक्ष प्रारंभ होने पर चंद्रमा इस दिन मीन राशि में रहेगा, जो शुभ फलदायक रहेगा । स्थापना के दिन 21 मार्च को दिन-रात बराबर होंगे। सूर्योदय सुबह छह बजे होगा और सूर्यास्त शाम छह बजे होगा। यानी दिनरात की अवधि 12-12 घंटे की होगी। ऐसी स्थिति कई वर्षो बाद होगी। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 बजे से 7:30 बजे तक है। इसके बाद सुबह 9 बजे से 12 बजे तक है। तीसरे और चौथे नवरात्र की पूजा एक ही दिन होगी। इस बार के नवरात्र में पूरे सप्ताह भर राजयोग बन रहा है जो अति शुभ है। हालांकि नवरात्र हमेशा ही शुभ होते हैं, लेकिन शुभ दिनों में यदि राजयोग का मुहूर्त बन जाए तो पर्व के प्रति लोगों का श्रद्धा भाव और बढ़ जाता है। राम नवमी 28 मार्च को मनाई जाएगी।