चायवाले के वेब डेवलपर बनने की कहानी
शायद ही इससे पहले किसी entry -level employee की hiring के बारे में किसी कंपनी के CEO ने इस तरह tweet किया होगा … दोस्तों , वो चायवाला था राजू … राजू यादव, जिसने न सिर्फ अपने सपने को पूरा किया था बल्कि करोड़ों और आँखों को भी सपने देखने की हिम्मत दे डाली थी … आइये आज हम उसी चायवाले के बारे में जानते हैं :
14 साल का राजू हजारीबाग , बिहार (अब झारखंड ) में अपने माता -पिता और दो भाइयों के साथ रहता था . जब वो क्लास 6th में था तभी उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी , वजह थी परिवार पर हज़ारों का कर्ज और parents की खराब तबियत . राजू भाइयों में सबसे बड़ा था और परिवार की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने का दबाव उस पर आ पड़ा . पैसा कमाने की चाहत उसे Worli, Mumbai ले आई , जहाँ वो अपने एक Uncle, जो कि taxi चलाते थे , के साथ रहने लगा .
जल्द ही राजू 2000 की नौकरी पर एक चाय की दुकान पर लग गया . जगह थी मुंबई का चीरा बाजार . वह रोज सुबह 5 बजे काम पर लग जाता और आस -पास की दुकानो और offices में चाय पहुंचता, उन्ही में से एक Sagaai.Com का भी ऑफिस था , जो बाद में Shaadi.Com के नाम से जाना जाने लगा .
जब राजू से किसी रिपोर्टर ने पुछा , “ क्या ये सब करना कठिन नहीं था ?” तो वे कहते हैं ,
“था , पर मैंने इसे ऐसे नहीं देखा , मेरे पास एक job थी और मैं घर पर पैसे भेज पा रहा था ..”
राजू को बतौर चायवाला काम करते अभी कुछ ही महीने हुए थे कि किसी ने उसे Sagaai.Com के ऑफिस में में छोटे -मोटे काम करने का offer दे दिया .
राजू ने कुछ सोचा और इस काम के लिए तैयार हो गया . अब उसे पहले से 500 रुपये अधिक मिलने लगे और टाइम भी कम देना होता था .
राजू Shaadi.Com के staffs को चाय देना , पानी की bottles बदलना , cheque जमा करना जैसे काम करने लगा . छोटी उम्र में ये सब करते देख कई लोग उसे आगे पढ़ने की सलाह देते .
राजू का कहना है , “ जब मैं Mumbai आया तो मुझे एहसास हुआ कि शिक्षा से बहुत फर्क पड़ता है कि लोग कैसे रहते और काम करते हैं . मैं अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहता था . मुझे लगा कि Shaadi.Com पर मैं अपने सपने पूरे कर पाउँगा .”
जब राजू से पुछा गया कि office के छोटे -मोटे काम करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई कैसे पूरी की तो उन्होंने बताया , “ मुझे पता था कि मैंने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की है , मैं 6th standard drop-out था . मैं छुट्टियों में झारखण्ड अपने घर जाया करता था …एक बार मैंने वहां district school में खुद को क्लास 10th में enrol करा दिया और course की किताबें Mumbai लेकर आ गया . अपने पहले attempt में मैं fail हो गया पर दूसरी बार में मैंने 61% नंबरों के साथ 10th पास किया , और फिर 47% नंबरों के साथ 12th की भी पढ़ाई पूरी की .”
Shaadi.Com के ऑफिस में बहुत से वेब डेवलपर्स थे और उन्हें काम करते देख राजू के मन में भी वेब डेवेलपमेंट सीखने की इच्छा जागी. ऑफिस ने भी उनकी मदद की और वहां देर तक रुक कर पढ़ना allow कर दिया. अब हर रोज काम करने के बाद राजू ऑफिस में बैठे-बैठे ऑनलाइन कोर्सेज किया करते थे और समस्याएं आने पर अगले दिन स्टाफ से पूछ लिया करते थे. ये उनकी कड़ी मेहनत और कभी हार ना मानने के ज़ज़्बे का ही नतीजा था कि वे वेब डेवलपमेंट की बारीकियां सीख पाये और जब Shaadi.Com में opening आई तो उसके लिए apply करने की हिम्मत जुटा पाये. सभी कैंडिडेट्स की तरह उन्हें भी selection procedure से गुजरना पड़ा और अंत में सफलता ने उनके कदम चूमे , वे सेलेक्ट हो गए. सचमुच राजू के लिए ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी !
राजू कहते हैं , “भले ही वे एक वेब डेवलपर बन गए हैं पर उन्हें पता है कि उन्हें अभी एक लम्बा सफर तय करना है. लोग कह सकते हैं कि एक छोटे से गाँव से निकल कर एक चायवाला और फिर एक वेब डेवलपर बनना बड़ी बात है पर सीखने की मेरी इच्छा कभी कम नहीं हो सकती.”
राजू अभिभावकों और नवयुवकों को भी सन्देश देना चाहते हैं , वे कहते हैं कि, ” Parents बच्चों की पढाई पर बहुत अधिक ध्यान दें. मैंने ऐसे पेरेंट्स को देखा है जो पढाई को ज़रूरी नहीं समझते. कभी-कभी गरीबी की वजह से पढाई से ज्यादा कोई काम कर के पैसा कमाने को ज्यादा अहमियत देते हैं पर बहुत बार वे बच्चों को पढ़ाने से अधिक ज़मीन खरीदने को महत्त्व देते हैं. बहुत से युवा भी हैं जो ज़िन्दगी भर सरकारी नौकरी का इंतज़ार करते रहते हैं , और इसी चक्कर में अपना समय बर्वाद कर देते हैं. पूरी ज़िन्दगी उस सरकारी नौकरी का इंतज़ार मत करो , जो शायद कभी हाथ ही ना आये… जब भी कोई मौका मिले तो उसे गंवाओ नहीं , वार्ना वो हमेशा के लिए तुमसे दूर हो जायेगी.”
राजू अभी मुंबई में ही किराए के एक मकान में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहते हैं और साथ ही मुंबई विश्वविद्यालय से B.Com की पढ़ाई कर रहे हैं. एक चाय वाले से वेबडेवलपर बनने की इस बड़ी उपलब्धि पर हम उन्हें ढेरों शुभकामनाएं देते हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.