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ज़िन्दगी किस बारे में है ?

Bryce Courtenay (1933–2012) ऑस्ट्रेलिया के महान साहित्यकारों में गिने जाते हैं। उन्होंने 55 साल की उम्र से लिखना शुरू किया और अपने जीवन में 21 किताबें पब्लिश कीं जिनकी 2 करोड़ से अधिक प्रतियां बिकीं। उनकी सबसे ज्यादा पॉपुलर बुक थी, “The Power of One“.
Motivational Article on Life in Hindi
Life is not about having things. It is about doing things.
Bryce ने 2007 में एक छोटी सी किताब लिखी थी “A Recipe for Dreaming” जिसमे उन्होंने कुछ बहुत ही ज़रूरी और सोचने पर मजबूर करने वाली बातें लिखीं थीं। उसी का एक अंश आज मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ :
“Superannuation is what we get paid for being bored for thirty years.
It seems to me we’re obsessed with having things.  We put ourselves in debt for thirty years to own a house.  We work at thankless jobs we hate for thirty years to have sufficient money to retire with security and to die in absolute obscurity.
There is another way.  The idea is to dream up the things you want to do and make them happen.
Life is not about having things, life is about doing things.
Doing things has a rewarding result. 
You either make more money that you need without being bored in the process, or you discover that you don’t really need all that fiscal security to live happily ever after.
You also die smiling.”
“पेंशन वो चीज है जो हमें तीस साल तक बोर होने के लिए मिलती है। 
ऐसा लगता है हमारे ऊपर चीजों को इकठ्ठा करने का जूनून सवार है। हम एक घर करने के लिए खुद को तीस साल तक कर्ज में डाल देते हैं। हम तीस साल तक बेकार की नौकरियां करते रहते हैं जिनसे हम नफरत करते हैं , ताकि रिटायर होने के लिए हमारे पास पर्याप्त पैसा रह सके और हम पूर्ण अन्धकार में मर सकें।
एक दूसरा तरीका है। हम उन चीजों का सपना देखें जिन्हे हम करना चाहते हैं और उन्हें कर डालें।
ज़िन्दगी चीजों के होने के बारे में नहीं है , ज़िन्दगी चीजों को करने के बारे में है।
चीजों को करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं ।
या तो आप बिना बोर हुए जितनी ज़रुरत है उससे अधिक पैसे कमाते हैं , या आप ये जान लेते हैं कि खुशहाली से जीने के लिए आपको इतनी आर्थिक सुरक्षा की ज़रुरत नहीं है।
और आप मरते भी हँसते हुए हैं। “
Friends, unfortunately, अधिकतर लोग पहले तरीके से ही ज़िन्दगी जिए जा रहे हैं … पर मेरी नज़र में बड़ी समस्या ये नहीं है , बड़ी समस्या ये है कि हम ज़िन्दगी जीने का अपना तरीका बदलने की कोशिश भी नहीं कर रहे … ये जानते हुए भी की हमारी ज़िन्दगी का बीता हुआ एक भी पल कभी लौट कर वापस नहीं आने वाला हम एक ऐसी life जिए जा रहे हैं जो हमारी ही नज़रों में बेकार है … कितनी अजीब बात है !! हम कुछ करते क्यों नहीं … हम इस तरह की बातें सुन कर थोड़ी देर के लिए excited तो हो जाते हैं पर फिर कुछ समय बाद सब कुछ भूल क्यों जाते हैं ?? क्या हमारी life important नहीं है ???… क्या हम बस यूँही इस दुनिया में exist करने के लिए आये हैं … क्या हमारी life का कोई मतलब नहीं है ??
I don’t know आप क्या सोचते हैं , पर मुझे लगता है कि हम सभी की life का कोई न कोई मकसद है … अगर हमें वो पता है तो ठीक नहीं तो हमें उसे ढूँढना होगा , हमें अपनी life का purpose जानना होगा या अपनी लाइफ को एक परपज देना होगा … हमें चीजों के पीछे भागना छोड़ना होगा और हमेशा ये याद रखना होगा कि Life is not just about having things, life is about doing things.

खुश रहने वाले लोगों की 7 आदतें

7 Habits of Happy People in Hindi
Be Happy

The 7 Habits of Happy People

खुश  रहने  वाले  लोगों  की  7 आदतें 

Friends, खुश  रहना  मनुष्य  का जन्मजात  स्वाभाव  होता  है . आखिर  एक  छोटा  बच्चा  अक्सर  खुश  क्यों  रहता  है ? क्यों  हम  कहते  हैं  कि  childhood days life के  best days होते  हैं ? क्योंकि  हम  पैदाईशी  HAPPY होते  हैं ;  पर  जैसे -जैसे  हम  बड़े  होते  हैं  हमारा  environment, हमरा समाज  हमारे  अन्दर  impurity घोलना  शुरू  कर  देता  है ….और  धीरे -धीरे  impurity का  level इतना  बढ़  जाता  है  कि  happiness का  natural state sadness के  natural state में  बदलने  लगता  है .
पर  ऐसा  सबके  साथ  नहीं  होता  है  दुनिया  में  ऐसे बहुत से  लोग  हैं  जो  अपनी  Happy रहने  की  natural state को  बचाए  रख  पाते  हैं  और  Life-time खुशहाल  रहते  हैं .
 तो  क्या  ऐसे  व्यक्ति  हमेशा  खुश  रहते  हैं ?  नहीं , औरों  की  तरह  उनके  जीवन  में  भी  दुःख-सुख  का  आना  जाना  लगा  रहता  है ,  पर  आम तौर  पर  ऐसे  व्यक्ति  व्यर्थ की   चिंता  में  नहीं  पड़ते और  अक्सर  हँसते -मुस्कुराते  और  खुश  रहते  हैं .
तो  सवाल  ये  उठता  है  कि  जब  ये  लोग  खुश  रह  सकते  हैं  तो बाकी  सब  क्यों  नहीं ?आखिर उनकी ऐसी कौन सी आदतें हैं जो  उन्हें दुनिया भर की टेंशन के बीच भी खुशहाल बनाये रखती हैं ? आज  इस  लेख  के  जरिये  मैं  आपके  साथ  खुशहाल लोगों की 7 आदतें share करने जा रहा हूँ  जो  शायद  आपको  भी  खुश  रहने  में  मदद  करें .तो  आइये  जानते  हैं उन सात आदतों को : 
Habit 1: खुश  रहने  वाले  अच्छाई  खोजते  हैं  बुराई  नहीं :
Human beings की  natural tendency होती  है  कि  वो  negativity को  जल्दी  catch करते  हैं . Psychologists इस  tendency को  “Negativity bias” कहते  हैं .  अधिकतर  लोग  दूसरों  में  जो कमी  होती  है  उसे  जल्दी देख  लेते  हैं  और  अच्छाई  की  तरफ  उतना  ध्यान  नहीं  देते  पर  खुश  रहने  वाले  तो  हर एक चीज  में , हर एक  situation में  अच्छाई  खोजते  हैं , वो  ये  मानते  हैं  कि  जो  होता  है  अच्छा  होता  है .  किसी  भी  व्यक्ति  में  अच्छाई  देखना  बहुत  आसान  है ,बस  आपको  खुद  से  एक  प्रश्न  करना  है , कि , “ आखिर  क्यों  यह  व्यक्ति  अच्छा  है ?” , और  यकीन  जानिये  आपका  मस्तिष्क  आपको  ऐसी  कई  अनुभव और  बातें  गिना  देगा  की  आप  उस  व्यक्ति  में  अच्छाई  दिखने  लगेगी .
एक  बात  और , आपको  अच्छाई  सिर्फ  लोगों  में  ही  नहीं  खोजनी  है , बल्कि  हर एक  situation में  आपको  positive रहना  है  और  उसमे  क्या  अच्छा  है  ये  देखना  है . For example , अगर  आप  किसी  job interview में  select नहीं  हुए  तो  आपको  ये  सोचना  चाहिए  कि  शायद  भागवान  ने  आपके  लिए  उससे  भी  अच्छी  job रखी  है जो आपको देर-सबेर  मिलेगी, और आप किसी अनुभवी व्यक्ति से पूछ भी सकते हैं, वो भी आपको यही बताएगा .
Habit 2: खुश  रहने  वाले  माफ़  करना  जानते  हैं  और  माफ़ी  माँगना  भी :
हर  किसी  का  अपना -अपना  ego होता  है , जो  जाने -अनजाने  औरों  द्वारा  hurt हो  सकता  है . पर  खुश  रहने  वाले  छोटी -मोती  बातों को  दिल  से  नहीं  लगाते  वो   माफ़  करना  जानते  हैं , सिर्फ  दूसरों  को  नहीं  बल्कि  खुद  को  भी .
और  इसके  उलट  यदि  ऐसे  लोगों  से  कोई  गलती  हो  जाती  है , तो  वो  माफ़ी  मांगने  से  भी  नहीं  कतराते . वो  जानते  हैं  कि  व्यर्थ  का  ego उनकी  life को  complex बनाएगा  इसलिए  वो  “Sorry” बोलने  में  कभी  कंजूसी  नहीं  करते . मुझसे  भी जब गलती होती है तो मैं  कभी  उसे  सही  ठहराने  की  कोशिश  नहीं करता  और  उसे  स्वीकार  कर  के  क्षमा  मांग  लेता  हूँ .
माफ़  करना  और  माफ़ी  माँगना  आपके  दिमाग  को  हल्का  करता  है , आपको  बेकार   की  उलझन  और  परेशान  करने  वाली  thoughts से  बचाता  है , और  as a result आप  खुश  रहते  हैं . शिखा  जी  द्वारा  लिखा  गया  एक  बेहेतरीन  लेख “क्षमा  करना  क्यों  है  ज़रूरी ?” मैं  आपके साथ  पहले  ही  share कर  चुका  हूँ . यह  लेख   forgiveness के  बारे  में  आपकी   समझ  को  बेहतर  बना  सकता  है , इसे  ज़रूर  पढ़ें .
Habit 3: खुश  रहने  वाले  लोग  अपने  चारो  तरफ  एक  strong support system develop करते  हैं :
ये   support system दो  pillars पे  टिका  होता  है  Family and Friends( F&F). ज़िन्दगी  में  खुश  रहने  के  लिए   F&F का  बहुत  बड़ा  योगदान  होता  है . भले  आपके  पास  दुनिया  भर  की  दौलत  हो  , शोहरत  हो  लेकिन  अगर  F&F नहीं  है  तो  आप  ज्यादा  समय  तक  खुश  नहीं  रह  पायेंगे .
हो  सकता  है  ये  आपको  बड़ी  obvious सी  बात  लगे , ये  लगे  की  आपके  पास  भी  बड़े  अच्छे  दोस्त   हैं  और  बहुत  प्यार  करने  वाला  परिवार  है , लेकिन  इस  पर  थोडा  गंभीरता  से  सोचिये . आपके  पास  ऐसे  कितने   friends हैं , जिन्हें  आप  बिना  किसी  झिझक  के  रात  के  3 बजे  भी  phone कर  के  उठा सकें  या कभी भी financial help ले सकें?
Family and friends को  कभी  भी for granted नहीं  लेना  चाहिए , एक  strong relationship बनाने  के  लिए  आपको  अपने  हितों  से  ऊपर  उठ  कर  देखना  होता  है . , दूसरे  की  care करनी  होती  है , और  उन्हें   genuinely like करना  होता  है . जितना  हो  सके  अपने  रिश्तों  को  बेहतर  बनाएं  , छोटी -छोटी  चीजें  जैसे  कि  Birthday wish करना, बधाई  देना , सच्ची  प्रशंशा  करना , मुस्कुराते  हुए  मिलना , गर्मजोशी  से  हाथ  मिलाना , गले  लगना  आपके  संबंधों  को  प्रगाढ़  बनता  है . और  जब  आप  ऐसा  करते  हैं  तो  बदले  में  आपको  भी  वही  मिलता  है और  आपकी  ज़िन्दगी  को  खुशहाल  बनाता  है .
Habit 4: खुश  रहने  वाले  अपने  मन  का  काम  करते  हैं  या  जो  काम  करते  हैं  उसमे  मन  लगाते हैं :
यदि  आप  अपने  interest का,  अपने  मन  का  काम  करते  हैं  तो  definitely वो  आपके  Happiness Quotient को  बढ़ाएगा ,  लेकिन  ज्यादातर  लोग  इतने  lucky नहीं  होते , उन्हें  ऐसी  job या  business में  लगना   पड़ता  है  जो  उनके  interest के  हिसाब  से  नहीं  होतीं . पर  खुश  रहने  वाले  लोग  जो  काम  करते  हैं  उसी  में  अपना  मन  लगा  लेते  हैं , भले  ही  parallely वो  अपना  पसंदीदा  काम   पाने  का  प्रयास  करते  रहे .
मैंने  कई  बार  लोगों  को जहाँ job करते हैं उस  company की  बुराई  करते  सुना  है , अपने  काम  को  दुनिया  का  सबसे  बेकार  काम  कहते  सुना  है , ऐसा  करना  आपकी  life को  और  भी  difficult बनता  है . खुश  रहने  वाले  अपने  काम  की  बुराई  नहीं  करते  , वो  उसके   सकारात्मक  पहलुओं  पर  focus करते  हैं  और  उसे  enjoy करते  हैं .
मगर  , यहाँ  मैं  यह  ज़रूर  कहना  चाहूँगा  कि   यदि  हम  दुनिया  के  सबसे  खुशहाल  लोगों को देखें  तो  वो  वही लोग  होंगे  जो  अपने  मन  का  काम  करते  हैं , इसलिए  यदि  आप  जो  कर  रहे  हैं  उसे   enjoy करना  , उससे   सीखना  अच्छी  बात  है   पर  Steve Jobs  की कही बात भी याद रखिये: “आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा, और truly-satisfied होने का एक ही तरीका है की आप वो करें जिसे आप सच-मुच एक बड़ा काम  समझते हों…और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है की आप वो करें जो करना आप enjoy करते हों.”
Habit 5: खुश  रहने  वाले  हर  उस  बात  पर  यकीन  नहीं  करते  जो  उनके  दिमाग  में  आती  हैं :
Scientists के अनुसार  हमारा  brain हर  रोज़  60,000 thoughts produce करता  है  , और  एक  आम  आदमी  के  case में  इनमे  से  अधिकतर  thoughts negative होती  हैं . अगर  आप  daily अपने  brain को  हज़ारों  negative thoughts से  feed करेंगे  तो  खुश  रहना  तो  मुश्किल  होगा  ही . इसलिए  खुश  रहने  वाले  व्यक्ति   दिमाग  में  आ  रहे     बुरे  विचारों  को  अधिक  देर  तक  पनपने  नहीं  देते . वो  benefit of doubt देना   जानते  हैं , वो  जानते  हैं  कि  हो  सकता  है  जो  वो  सोच  रहे  हैं  वो  गलत  हो  , जिसे  वो  बुरा  समझ  रहे  हैं  वो  अच्छा  हो . ऐसा  कर  के  इंसान  relax हो  जाता  है , दरअसल  हमारी  सोच  के  हिसाब  से  brain में  ऐसे  chemical release होते  हैं  जो  हमारे  मूड  को  खुश  या  दुखी  करते  हैं .
जब  आप  नकारात्मक  विचारों  को  सच  मान  लेते  हैं  तो  आप  का  blood pressure बढ़ने  लगता  है  और  आप  tensionize हो  जाते  हैं , वहीँ  दूसरी  तरफ  जब  आप  उस  पर  doubt कर  देते  हैं  तो  आप  अनजाने  में  ही  brain को  relaxed रहने  का  signal दे  देते  हैं .
Habit 6: खुश  रहने  वाले  व्यक्ति  अपने  जीवन  या  काम  को  किसी  बड़े  उद्देश्य  से जोड़ कर देखते हैं :
एक  बार  एक  बूढी  औरत  कहीं  से आ  रही  थी  कि  तभी  उसने  तीन  मजदूरों  को  कोई  ईमारत बनाते  देखा  . उसने  पहले  मजदूर  से  पूछा  ,” तुम  क्या  कर  रहे  हो  ?”, “ देखती  नहीं  मैं  ईंटे  ढो   रहा  हूँ .” उसने  जवाब  दिया .
फिर  वो  दुसरे  मजदूर  के  पास  गयी  और उससे  भी  वही  प्रश्न किया ,” तुम  क्या  कर  रहे  हो ?” ,” मैं  अपने  परिवार  का  पेट  पालने  के  लिए  मेहनत – मजदूरी  कर  रहा  हूँ ?’ उत्तर  आया  .
फिर वह  तीसरे  मजदूर  के  पास  गयी  और  पुनः  वही  प्रश्न   किया ,” तुम  क्या  कर  रहे  हो ?,
उस  व्यक्ति  ने  उत्साह  के  साथ  उत्तर  दिया , “ मैं  इस  शहर  का  सबसे  भव्य   मंदिर  बना  रहा  हूँ ”
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इन तीनों में से कौन  सबसे अधिक खुश होगा!
दोस्तों, इस  मजदूर  की  तरह  ही  खुश  रहने  वाले  व्यक्ति  अपने  काम   को  किसी  बड़े  उद्देश्य   से  जोड़   कर  देखते  हैं , और   ऐसा  करना  वाकई  उन्हें  आपार  ख़ुशी  देता  है . ऐसा  मैं  इसलिए  भी  कह  पा  रहा  हूँ  क्योंकि  मैं  successofkey.Com को  भी  कुछ  इसी  तरह  देखता  हूँ .  मैं  ये  सोचता  हूँ  कि  इस  site के  जरिये  मैं  लाखों -करोड़ों  लोगों  की  ज़िन्दगी  को  बेहतर  बना  सकता  हूँ . मैं  हमेशा  यही  प्रयास  करता  हूँ  कि  कैसे  अच्छी  से  अच्छी  बातें  share करूँ  कि  पढने  वालों  की  life में  positive changes आएं , और  शायद  यही  वज़ह  है  कि  मैं  इस  काम   से  कभी  थकता  नहीं  हूँ  और  इसे  कर  के  सचमुच  बहुत  खुश  और  संतुष्ट  होता  हूँ .
Habit 7: खुश  रहने  वाले व्यक्ति अपनी  life में  होने  वाली  चीजों  के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं :
खुश  रहने वाले व्यक्ति  responsibility लेना  जानते  हैं . अगर  उनके  साथ  कुछ  बुरा  होता  है  तो  वो  इसका  blame दूसरों  पर  नहीं  लगाते , बल्कि  खुद  को  इसके  लिए  जिम्मेदार  मानते  हैं .For example:अगर  वो  office के  लिए  late होते  हैं  तो  traffic jam को  नहीं  कोसते  बल्कि  ये  सोचते  हैं  कि  थोडा  पहले  निकलना  चाहिए  था .
अपनी  success का  credit दूसरों  को  भले  दे  दें  लेकिन  अपनी  failure के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानें  . जब  आप  अपने  साथ  होने  वाली  बुरी  चीजों  के  लिए  दूसरों  को  दोष  देते  हैं  तो  आपके  अन्दर  क्रोध  आता  है , पर  जब  आप  खुद  को  जिम्मेदार  मान  लेते  हैं  तो  आप  थोडा  disappoint होते  हैं  और  फिर चीजों  को  सही करने के प्रयास में जुट जाते हैं . मैं  खुद   भी  अपनी  life में  होने  वाली  हर  एक  अच्छी  – बुरी  चीज  के  लिए  खुद  को  जिम्मेदार  मानता  हूँ . ऐसा  करने  से  मेरी  energy दूसरों  में  fault खोजने  की  जगह  खुद  को  improve करने  में  लगती  है , और  ultimately मेरी  happiness को  बढाती  है .
Friends, हो  सकता  है  आप  इनमे  से  कुछ बातों  को  already follow करते  हों  partially या  शायद  पूरी  तरह  से . पर  यदि  किसी  भी  Habit में  खुद  को  थोडा  सा   भी  improve करेंगे  तो  वो  definitely आपकी  happiness को  बढ़ाएगा . Personally मुझे  Habit 2 में  माफ़  करने  वाले  part को  improve करना  है .  तो  चलिए  हम  सब  साथ -साथ  अपने  Happiness Quotient को  बढ़ाते  हैं  और  एक  खुशहाल  जीवन  जीने  का  प्रयास  करते  हैं .
All the best! :)
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कैसे जलाये रखें अपने अन्दर की चिंगारी को- Chetan Bhagat

Chetan Bhagat Speech in Hindi
Chetan Bhagat
Friends,
आज successofkey.com पर मैं आपके साथ मशहूर लेखक  Chetan Bhagat (चेतन भगत) द्वारा दी गयी एक बेहद Inspirational Speech Hindi  में share  कर रहा हूँ . यह भाषण उन्होंने Symbiosis BBA  Programme 2008 के students के समक्ष दिया था.
यह Post थोड़ी लंबी  है. लगभग 2350 शब्दों की, इसलिए यदि आप चाहें तोsuccessofkey .Com कोBookmark या Favourites में list कर लें . ताकि यदि आप एक बार में पूरी post  न पढ़ पायें तो आसानी से फिर इस पेज पर आ सकें. वैसे Google में successofkey.Com search  करने पर भी आप दुबारा इस Page  पर आ सकते हैं.
 तो चलिए पढते हैं – One of the best inspirational speech  by Chetan Bhagat  , translated inHindi:

How to keep your spark alive ?

  कैसे जलाये रखें अपने अन्दर की चिंगारी को ?

Good Morning everyone ,  मुझे  यहाँ  बोलने  का  मौका   देने  के  लिए  आप  सभी  का  धन्यवाद . ये  दिन  आपके  बारे  में  है . आप , जो  कि  अपने  घर  के  आराम ( और  कुछ  cases में  दिक्कतों ) को  छोड़  के  इस  college में  आए  हैं  ताकि  ज़िन्दगी  में  आप  कुछ  बन  सकें . मैं  sure हूँ  कि  आप  excited हैं . ज़िन्दगी  में  ऐसे  कुछ  ही  दिन  होते  हैं  जब  इंसान  सच -मुच बहुत  खुश  होता  है . College का  पहला  दिन  उन्ही  में  से  एक  है .जब   आज   आप   तैयार  हो  रहे  थे , आपके  पेट  में  हलचल सी हुई होगी . Auditorium कैसा  होगा , teachers कैसे  होंगे , मेरे  नए  classmates कौन  होंगे —इतना  कुछ  है  curious होने  के  लिए . . मैं  इसे  excitement कहता  हूँ , आपके  अन्दर  कि  चिंगारी  (spark) जो  आपको  एकदम  जिंदादिल  feel कराती  है . आज  मैं  आपसे  इस  चिंगारी  को  जलाये  रखने  के  बारे  में  बात  करने  आया  हूँ . या  दुसरे  शब्दों  में  हम  अगर  हमेशा  नहीं  तो   ज्यादा  से  ज्यादा  समय  कैसे  खुश  रह  सकते  हैं ?
इस  चिंगारी  कि  शुरआत कहाँ  से  होती  है ? मुझे  लगता  है  हम  इसके  साथ  पैदा  होते  हैं .  मेरे   3 साल  के  जुड़वाँ  बच्चों  में  million sparks हैं . वो  Spiderman का  एक  छोटा  सा  खिलौना  देख  के  बिस्तर  से  कूद  पड़ते  हैं .  Park में  झूला  झूल  के  वो  thrilled हो  जाते  हैं . पापा  से  एक  कहानी  सुनके  उनमे  उत्तेजना  भर  जाती  है . अपना  Birthday आने  के  महीनो  पहले  से  वो  उलटी  गिनती  करना  शुरू   कर  देते  हैं  कि  उस  दिन  cake काटने  को  मिलेगा .
मैं  आप  जैसे  students को  देखता  हूँ  और  मुझे  आपके  अन्दर   भी  कुछ  spark नज़र  आता  है . पर  जब  मैं  और  बड़े  लोगों  को  देखता  हूँ  तो  वो  मुश्किल  से  ही  नज़र  आता  है . इसका  मतलब  , जैसे -जैसे  हमारी  उम्र  बढती  है  , spark कम  होते  जाते   हैं . ऐसे  लोग  जिनमे  ये  चिंगारी  बिलकुल  ही  ख़तम   हो  जाती  है  वो  मायूस , लक्ष्यरहित और  कडवे  हो  जाते  हैं . Jab We met के  पहले  half की  करीना  और  दुसरे  half की   Kareena याद  है  ना ? चिंगारी  बुझ  जाने  पे  यही  होता  है . तो  भला  इस  Spark को  बचाएँ  कैसे ?
Spark को  दिए  की  लौ  की  तरह  imagine कीजिये . सबसे  पहले  उसे  nurture करने  ki ज़रुरत  है —उसे  लगातार  इंधन  देने   की  ज़रुरत  है . दूसरा , उसे  आन्धी -तूफ़ान  से  बचाने  की  ज़रुरत  है .
Nurture करने  के   लिए , हमेशा  लक्ष्य  बनाएं .यह  इंसान  कि  प्रवित्ति  होती  है  कि  वह  कोशिश  करे , सुधार  लाये  और  जो  best achieve कर  सकता  है  उसे  achieve करे .  दरअसल  इसी  को  Success कहते  हैं . यह  वो  है  जो  आपके  लिए  संभव  है . ये  कोई  बाहरी   माप -दंड  नहीं  है – जैसे  company द्वारा  दिया  गया  Package, कोई  car या  कोई  घर .
हममे  से  ज्यदातर  लोग  middle-class family से   हैं . हमारे  लिए   , भौतिक  सुख -सुविधाएं  सफलता  की  सूचक  होती  हैं , और  सही भी  है . जब  आप  बड़े  हो  जाते  हैं  और  पसिया  रोज़ -मर्रा  कि  ज़रूरतों  को  पूरा  करने  के  लिए  ज़रूरी  हो जाता  है , तो  ऐसे  में  financial freedom होना  एक  बड़ी  achievement है .
लेकिन   यह  ज़िन्दगी  का  मकसद  नहीं  है .  अगर  ऐसा  होता  तो  Mr. Ambani काम  पर  नहीं  जाते .Shah Rukh Khan घर  रहते  और  और -ज्यादा  dance नहीं  करते . Steve Jobs और  भी  अच्छा  iPhone बनाने  के  लिए  मेहनत  नहीं  करते  , क्योंकि  Pixar बेच  कर   already उन्हें  कई  billion dollars मिल  चुके  हैं .  वो  ऐसा  क्यों  करते  हैं ? ऐसा  क्या  है  जो  हर  रोज़  उन्हें  काम  पर  ले  जाता  है ?
वो  ऐसा  इसलिए  करते  हैं  क्योंकि  ये  उन्हें  ख़ुशी  देता  है . वो  ऐसा  इसलिए  करते  हैं  क्योंकि  ये  उन्हें  जिंदादिली  का  एहसास  करता  है . अपने  मौजूदा  स्तर  में  सुधार  लाना  एक  अच्छा  अहसास  दिलाता  है . अगर  आप  मेहनत  से  पढ़ें  तो  आप  अपनी  rank सुधार  सकते  हैं . अगर  आप  लोगों  से  interact करने  का  प्रयत्न  करें  तो  आप  interview में  अच्छा  करेंगे . अगर  आप  practice करें  तो  आपके  cricket में  सुधार  आएगा . शायद  आप  ये  भी  जानते  हों कि  आप  अभी  Tendulkar नहीं  बन  सकते  , लेकिन  आप  अगले  स्तर  पर   जा  सकते  हैं . अगले  level पे  जाने  के  लिए  प्रयास  करना ज़रूरी  है .
प्रकृति   ने  हमें   अनेकों  genes के  संयोग  और  विभिन्न  परिस्थितियों  के  हिसाब  से  design किया  है .खुश  रहने  के  लिए  हमें  इसे  accept करना  होगा , और  प्रकृति  कि  इस  design का अधिक  से  अधिक  लाभ  उठाना  होगा . ऐसा  करने  में  Goals आपकी  मदद  करेंगे .
अपने  लिए  सिर्फ  career या  academic goals ही  ना  बनाएं . ऐसे  goals बनाएं  जो  आपको  एक balanced और  successful life दे . अपने  break-up के  दिन  promotion पाने  का  कोई  मतलब  नहीं  है . कार  चलाने  में  कोई  मज़ा   नहीं  है  अगर  आपके  पीठ में दर्द हो .दिमाग  tension से  भरा  हो  तो भला  shopping करने  में  क्या  ख़ुशी होगी ?
आपने  ज़रूर  कुछ  quotes पढ़े  होंगे  —  ज़िन्दगी  एक  कठिन  race है , ये  एक  marathon है  या  कुछ  और . नहीं , जो  मैंने  आज  तक  देखा  है  ज़िन्दगी  nursery schools में  होने  वाली  उस  race की  तरह  है  जिसमे  आप  चम्मच  में  रखे  मार्बल  को  अपने  मुंह  में  दबा  कर  दौड़ते  हैं . अगर  मार्बल  गिर  जाये  तो  दौड़  में  first आने  का  कोई  अर्थ  नहीं  है . ऐसा  ही  ज़िन्दगी  के  साथ  है  जहाँ  सेहत  और  रिश्ते  उस  मार्बल  का  प्रतीक  हैं . आपका  प्रयास  तभी  सार्थक  है  जब   तक  वो   आपके  जीवन  में  सामंजस्य  लाता  है .नहीं  तो , आप  भले  ही  सफल  हो  जायें , लेकिन  ये  चिंगारी , ये  excited और  जिंदा  होने  की  feeling धीरे – धीरे  मरने  लगेगी . …..
Spark को  nurture करने  के  बारे  में  एक  आखिरी  चीज —ज़िन्दगी  को  संजीदगी  से  ना  लें ….don’t take life seriously. मेरे  एक  योगा  teacher class के  दौरान  students को  हंसाते  थे . एक  student ने  पूछा  कि  क्या  इन  Jokes कि  वजह  से  योगा   practice का  समय  व्यर्थ  नहीं  होता ? तब  teacher ने  कहा  – Don’t be serious be sincere. तबसे  इस  Quote ने  मेरा  काम  define किया  है . चाहे  वो  मेरा  लेखन  हो , मेरी  नौकरी  हो , मेरे  रिश्ते  हों  या  कोई  और  लक्ष्य . मुझे  अपनी  writings पर  रोज़  हज़ारों  लोगों  के  opinions मिलते  हैं . कहीं  खूब  प्रशंशा  होती  है  कहीं  खूब  आलोचना . अगर  मैं  इन  सबको  seriously ले  लूं , तो  लिखूंगा  कैसे ? या  फिर  , जीऊंगा  कैसे ?ज़िन्दगी  गंभीरता  से  लेने  के  लिए  नहीं  है , हम  सब  यहाँ  temporary हैं .हम  सब  एक  pre-paid card की  तरह  हैं  जिसकी  limited validity hai. अगर  हम  भाग्यशाली  हैं  तो  शयद  हम   अगले  पचास  साल  और  जी  लें . और  50 साल  यानि सिर्फ  2500 weekends .क्या  हमें  सच -मुच  अपने  आप  को  काम  में  डुबो  देना  चाहिए ? कुछ  classes bunk करना , कुछ  papers में  कम  score करना  , कुछ  interviews ना  निकाल  पाना , काम  से  छुट्टी  लेना , प्यार   में  पड़ना , spouse से  छोटे -मोटे  झगडे  होना …सब  ठीक  है …हम  सभी  इंसान  हैं , programmed devices नहीं ….
मैंने  आपसे  तीन  चीजें  बतायीं – reasonable goals, balance aur ज़िन्दगी  को  बहुत  seriously नहीं  लेना – जो  spark को  nurture करेंगी .  लेकिन  ज़िन्दगी  में  चार  बड़े  तूफ़ान  आपके  दिए  को  बुझाने  की  कोशिश  करेंगे . इनसे  बचने  बहुत  ज़रूरी  है . ये  हैं  निराशा  (disappointment),कुंठा ( frustration),  अन्याय (unfairness) और जीवन में कोई उद्देश्य ना होना (loneliness of purpose.)
निराशा  तब  होगी  जब  आपके  प्रयत्न  आपको  मनचाहा  result ना  दे  पाएं  . जब  चीजें  आपके  प्लान  के  मुताबिक  ना  हों  या  जब  आप  असफल  हो जायें . Failure को  handle करना  बहुत  कठिन  है , लेकिन  जो  कर  ले  जाता  है  wo और  भी  मजबूत  हो  कर  निकलता  है . इस  failure से  मुझे  क्या  सीख  मिली ?  इस  प्रश्न  को  खुद  से  पूछना  चाहिए . आप  बहुत  असहाय  feel करेंगे   , आप  सबकुछ  छोड़  देना  चाहेंगे  जैसा  कि  मैंने  चाहा   था  , जब  मेरी  पहली  book को  9 publishers ने  reject कर  दिया  था . कुछ  IITians low-grades की  वजह  से  खुद  को  ख़तम कर  लेते  हैं , ये  कितनी  बड़ी   बेवकूफी  है ? पर  इस  बात  को  समझा  जा  सकता  है  कि  failure आपको  किस  हद्द  तक  hurt कर  सकता  है .
पर ये ज़िन्दगी है . अगर चुनौतियों  से हमेशा पार पाया जा सकता तो , तो चुनौतियाँ चुनौतियाँ नहीं रह जातीं. और याद रखिये — अगर आप किसी चीज में fail हो रहे हैं,तो इसका मतलब आप अपनी सीमा या क्षमता तक पहुँच रहे हैं. और यहीं आप होना चाहते हैं.
Disappointment का भाई है  frustration, दूसरा तूफ़ान . क्या आप कभी frustrate  हुए हैं? ये तब होता है जब चीजें अटक जाती हैं. यह भारत में विशेष रूप से प्रासंगिक है. ट्राफिक जाम से से लेकर अपने योग्य job पाने तक. कभी-कभी चीजें इतना वक़्त लेती हैं कि आपको पता नहीं चलता की आपने अपने लिए सही लक्ष्य निर्धारित किये हैं.Books लिखने के बाद, मैंने bollywood के लिखने का लक्ष्य बनाया, मुझे लगा उन्हें writers  की ज़रुरत है. मुझे लोग बहुत भाग्यशाली मानते हैं पर मुझे अपनी पहली movie release  के करीब पहुँचने में पांच साल लग गए.
Frustration excitement  को ख़त्म करता है, और आपकी उर्जा को नकारात्मकता में बदल देता है, और आपको कडवा बना देती है.मैं इससे कैसे deal  करता हूँ? लगने वाले समय का realistic अनुमान लगा के. . भले ही movie  देखने में कम समय लगता हो पर उसे बनाने में काफी समय लगता है, end-result  के बजाय उस result तक पहुँचने के  प्रोसेस को एन्जॉय करना , मैं कम से कम script-writing तो सीख रहा था , और बतौर एक  side-plan  मेरे पास अपनी तीसरी किताब लिखने को भी थी और इसके आलावा दोस्त, खाना-पीना, घूमना ये सब कुछ frustration से पार पाने में मदद करती हैं. याद रखिये, किसी भी चीज को  seriously  नहीं लेना है.Frustration  , कहीं ना कहीं एक इशारा है कि आप चीजों को बहुत seriously ले रहे हैं.Frustration excitement को  ख़तम  करता  है , और  आपकी  energy को  negativity में  बदल  देता  है , वो  आपको  कडवा  बना  देता  है . मैं  इससे  कैसे  deal करता  हूँ ?
Unfairness ( अन्याय ) – इससे  deal करना  सबसे  मुश्किल  है , लेकिन  दुर्भाग्य  से  अपने  देश  में  ऐसे  ही  काम  होता  है . जिनके  connections होते  हैं , बड़े  बाप  होते  हैं , खूबसूरत  चेहरे  होते  हैं ,वंशावली  ( pedigree) होती  है , उन्हें   सिर्फ  Bollywood में  ही  नहीं  बल्कि  हर  जगह  आसानी  होती  है . और  कभी -कभी  यह  महज  luck की  बात  होती  है . India में  बहुत  कम   opportunities हैं , इसलिए   कुछ  होने  के  लिए  सारे  गृह -नक्षत्रों  को  सही  इस्थिति  में  होना   होगा . Short-term में  मिलने  वाली  उपलब्धियां  भले  ही  आपकी   merit और  hard –work  के  हिसाब  से   ना  हों  पर  long-term में  ये   ज़रूर  उस  हिसाब  से  होंगी , अंततः   चीजें  work-out करती  हैं . पर  इस  बात  को  समझिये  कि  कुछ  लोग  आपसे  lucky होंगे .
दरअसल  अगर  Indian standards के  हिसाब  से  देखा  जाये  तो  आपको  College में  पढने  का  अवसर  मिलना  , और  आपके  अन्दर  इस  भाषण  को  English में  समझने  की   काबिलियत  होना  आपको  काफी  lucky बनता  है . हमारे  पास  जो  है  हमें  उसके  लिए  अहसानमंद  होना  चाहिए  , और  जो  नहीं  है  उसे  accept करने  कि  शक्ति  होनी  चाहिए .  मुझे  अपने  readers से  इतना  प्यार  मिलता  है  कि  दुसरे  writers उसके  बारे  में  सोच  भी  नहीं  सकते . पर  मुझे  साहित्यिक प्रशंशा  नहीं  मिलती  है . मैं  Aishwarya Rai की  तरह  नहीं  दीखता  हूँ  पर  मैं  समझता  हूँ   कि   मेरे  दोनों  बेटे   उनसे  ज्यादा  खूबसूरत  हैं . It is OK . Unfairness को  अपने  अन्दर  कि  चिंगारी  को  बुझाने  मत  दीजिये .
और  आखिरी  चीज  जो  आपके  spark को  ख़तम  कर  सकती  है  वो  है  Isolation( अलग होने की स्थिति )आप  जैसे  जैसे  बड़े   होंगे  आपको  realize होगा  कि  आप  unique हैं . जब  आप  छोटे  होते  हैं  तो  सभी  को  ice-cream और  spiderman अच्छे  लगते  हैं . जब  आप  college में  जाते  हैं  तो  भी  आप  बहुत  हद  तक  अपने   बाकी  दोस्तों  की  तरह  ही  होते  हैं . लेकिन  दस  साल  बाद  आपको  पता  लगता  है  कि  आप   unique हैं . आप  जो  चाहते  हैं , आप  जिस  चीज  में  विश्वास  राखते  हैं , वो  आपके  सबसे  करीबी  लोगों  से  भी  अलग  हो  सकती  है . इस  वजह  से  conflict हो  सकती  है  क्योंकि  आपके  goals दूसरों  से  match नहीं  करते . और  आप  शायद   उनमे  से  कुछ  को  drop कर  दें . College में  Basketball के  कप्तान  रह  चुके , दूसरा  बछा  होते -होते  ये  खेल  खेलना  छोड़  देते  हैं . जो चीज  उन्हें  इतनी  पसंद  थी  वो  उसे  छोड़  देते  हैं . ऐसा  वो  अपनी  family के  लिए  करते  हैं . पर  ऐसा  करने   में  Spark ख़तम  हो  जाता  है . कभी  भी  ऐसा  compromise ना  करें . पहले  खुद   को  प्यार  करें  फिर  दूसरों  को .
मैंने  आपको  चारों  thunderstorms – disappointment, frustration, unfairness and isolation के  बारे  में  बताया . आप  इनको  avoid नहीं  कर  सकते , मानसून  की  तरह  ये  भी  आपके  जीवें  में  बार -बार  आते  रहेंगे . आपको  बस  अपना  raincoat तैयार  रखना  है  ताकि  आपके  अन्दर  कि  चिंगारी  बुझने  ना  पाए .
मैं  एक  बार  फिर  आपका  आपके  जीवन  के  सबसे  अच्छे समय  में  स्वागत  करता  हूँ . अगर  कोई  मुझे  समय  में  वापस  जाने  का  option दे  तो  निश्चित  रूप  से  मैं  college वापस  जाना  चाहूँगा . मैं  ये आशा  करता  हुनक  की  दस  साल  बाद  भी  , आपकी  आँखों  में  वही  चमक  होगी  जो  आज  है , कि  आप  अपने  अन्दर  की  चिंगारी  को  सिर्फ  college में  ही  नहीं  बल्कि  अगले  2500 weekends तक  ज़िन्दा  रखेंगे . और  मैं  आशा करता  हूँ  की  सिर्फ  आप  ही  नहीं  बल्कि  पूरा  देश  इस  चिंगारी  को  ज़िन्दा  रखेगा , क्योंकि  इतिहास  में  किसी  भी  और  पल  से  ज्यादा  अब  इसकी  ज़रुरत  है . और  ये  कहना  कितना   अच्छा लगेगा कि —मैं  Billion Sparks की भूमि से वास्ता रखता हूँ .
 Thank You.

Chetan Bhagat

दिल की सुनने में आने वाले 7 challenges !

दिल  की  सुनने  में  आने  वाले  7 challenges !

Listen To Your Heart in Hindi
सुनें दिल की आवाज़
हम  अक्सर  सुनते  हैं  कि  हमें  अपने  दिल की सुननी चाहिए …जिस  काम  में  मन  लगे  वो  करना  चाहिए …अपने  passion को  follow करना  चाहिए …, उसी को अपना career बनाना चाहिए …etc.  ये  बातें  बिलकुल  सही  हैं , मैंने  खुद  भी  अपने  कुछ  articles में  इन चीजों पर जोर दिया है ,  पर एक सच ये भी है कि  हममे  से  ज्यादातर  लोग  ऐसा  नहीं  करते. तो सवाल उठता है कि क्यों ज्यादातर लोग लाइफ में जो आसानी से मिल जाता है उसे ही अपनी किस्मत मान लेते हैं और  बस  यूँही  सस्ते  में  अपनी  ज़िन्दगी  बिता  देते  हैं ?
ऐसा शायद   इसलिए  होता  है  क्योंकि  दिल  की  सुनना   आसान  नहीं  होता …इसमें  कई  challenges आते  हैं , और  आज  मैं  ऐसे  ही  कुछ  challenges के  बारे में  आपसे  अपनी  thoughts share कर  रहा  हूँ .  इन्हें  share करने  का  मेरा  motive ये  है  कि  यदि  आप  उनमे  से  हैं  जो   अपने  सपनो   को  पूरा  करने  में  लगे  हैं  या future में लगने वाले हैं तो   इन  challenges से  घबराएं  नहीं …आप  अकेले  इनका  सामना  नहीं  कर  रहे  हैं …आपकी  gene का  हर  आदमी  more or less in challenges को  face करता है ,  कुछ इनके आगे निकल  जाते  हैं तो कुछ हार मान लेते  हैं. अब ये आप पर depend करता है कि आप क्या करते हैं!!!
तो आइये जानते हैं इन 7 challenges को :
1)      Society का  opposition:
यदि  आपका  passion लीक  से   हटकर  हो  तो  आप  को  समाज  के  विरोध  के  लिए  तैयार  रहना  चाहिए . सबसे  ज्यादा  opposition तो  आपकी  family से  ही  हो सकता है …क्योंकि  वही  आपकी   सबसे  अधिक  चिंता  करते  हैं . ख़ास  तौर  पर  middle class families जहाँ  job को  ही  सबसे  safe माना  जाता  है  वहां  यदि  आप  कुछ  entrepreneurial करने  का  सोचते  हैं  तो  family आपके  खिलाफ  हो  जाती  है . उनका विरोध  human nature के इस fact को दर्शाता है कि हम unknown या  कुछ  नए  को  accept करने  से  डरते  हैं  ….पर  जब  आप  अपने  काम  में  लगे  रहते  हैं  तो  धीरे  धीरे  वही  लोग  आपकी  मदद  में  सामने  आ   जाते  हैं . इसलिए  इस  initial opposition को  part of process समझें  और  इससे  घबराये  नहीं . जहाँ  तक  हो  सके  बस  अपनी  family को  confidence में  लेने  का  प्रयास  करें , बाकियों  का  तो  सोचे  भी  नहीं .
2)      दोस्त  आगे  निकल  जाते  हैं :
सभी  का  अपना -अपना  friend circle होता  है , मौज – मस्ती  होती  है .. exam की  tension होती  है … हम  बड़े  होते  हैं  और  फिर  ज़िन्दगी  की  so called race में  लग  जाते  हैं …..ज्यादातर   लोग  conventional wisdom अपनाते  हुए , doctor ,engineer, सरकारी  नौकरी …etc के  चक्कर  में  लग जाते  हैं  और  देर -सबेर  इसमें  कामयाब  भी  हो  जाते  हैं . अगर  सचमुच  आप  दिल  से  यही  करना  चाहते  थे तो  इसमें  कोई  बुराई  नहीं  है ….दिल  की  सुनना  हमेशा ….singer , cricketer या  actor बनना ही नहीं  होता ….ये  Engineer, doctor बन  कर  देश  की  सेवा  करना  भी  हो  सकता  है .  और  एक  दूसरे  case में  भी  यह  करना  सही  है – जब  आप  clear नहीं  होते  की  आप  दरअसल  life में  करना  क्या  चाहते  हैं,  तो  भी  आप  यही  रास्ता  चुन सकते हैं  ..इसमें  कम  से  कम  आप  financially secure रहेंगे , जो  कि  बेहद  ज़रूरी  है .
Challenge तब  आता  है  जब  आप  अपने  life goals को  लेकर  clear होते  हैं , और  अपने  रास्ते  पर  निकल  पड़ते  हैं .  और  ऐसा  life की  किसी  भी stage में    हो  सकता  है , पहले  हो  जाता  है  तो  ठीक  है , पर  अधिकतर  ये  clarity थोड़ी  देर  से  आती  है  इसलिए  जब  आप  इस  दिशा  में  बढ़ते  हैं  तो  आप  पाते  हैं  कि  अभी  आपने  शुरुआत  भर  की  है  और  आपके  बाकी  दोस्त  conventional path follow करते  हुए  एक  well- settled life ( society की  नज़र  में ) की  तरफ  बढ़  चुके  हैं .  यहाँ  आपको  थोड़ी  उलझन  हो  सकती  है , आपके  मन  में  doubt आ  सकता  है  कि  आप  ही  की  उम्र  के  लोग  इतने  पैसे  कमा  रहे  हैं  और  आप  अभी  struggle ही  कर  रहे हैं …..ऐसा  लग  सकता  है  कि  आप  कहीं  गलती  तो  नहीं  कर  रहे  हैं , और  यहीं  पर  आपको  डंटे  रहना  है .
अपने  काम  में  believe करिए , इन  distractions की  life बहुत  छोटी  होती  है , अगर  आप  सचमुच  अपने  काम  को  लेकर  passionate हैं  तो  आप  जल्द  ही  इनसे  पार  पा  लेंगे .  जब  अमिताभ  बच्चन  को  27-28 साल  की  उम्र  में  पहली  बार   फिल्मो में  ब्रेक  मिला  था  तो  उस  वक़्त  तक  उनके  भी  बहुत  सारे  classmates अच्छी  नौकरियों  में   settle हो  चुके थे , ऐसे  में उनके  भी  अन्दर  सवाल  उठे  होंगे , पर  उन्होंने  उन  distractions को  खुद  पर  हावी  नहीं  होने  दिया  और  इतने  महान  अभिनेता  बने .
आप  भी  औरों   के  आगे  निकलने  से  परेशान  मत  होइए , ….लम्बी  race के  घोड़े  शुरू  में  धीमे-धीमे  ही  दौड़ते  हैं .
3)      सफलता  के  लिए  लम्बा  इंतज़ार :
कई  बार  लोग  कामयाबी  के  बहुत  करीब  पहुच  कर  हार  मान  लेते  हैं . आपको  ध्यान  देना  होगा  कि  आप  अपने  काम  को  अंजाम  तक  पहुचाएं , किसी  भी  काम  को  करने  में  time तो  लगता  ही  है  और  जब  काम  बड़ा  हो  तो  समय  भी  बड़ा  लगता  है .
Kentucky Fried Chicken (KFC) के founder Colonel Sanders ने जब अपनी business idea के लिए लोगों को convince करना चाहा तो उन्हें हज़ार से भी  अधिक बार ना सुननी पड़ी. वह अपनी कार में एक शहर से दूसरे शहर घूमते रहे और restaurant मालिकों से मिलते रहे , और इस दौरान कई बार उन्हें अपनी कार में ही सोना पड़ता था. पर इतनी ना सुनने के बाद भी उन्हें अपनी चिकन बनाने की secret recipe पर यकीन था और देर से ही सही पर उन्हें सफलता मिली और आज KFC दुनिया भर में एक successful brand के रूप में जाना जाता है.
4)      आपके  दिल  का  काम  financially rewarding ….नहीं  भी  हो  सकता  है  :
May be आप  जिस  चीज  को  लेकर  passionate हैं  वो  आपको  satisfaction तो  दे  पर  उतने  पैसे  ना दे . For example आप  as a social activist काम  करना  चाहते  हों , या  किसी  NGO के  लिए  अपना  time देना  चाहते  हों .  तो  ऐसे  में  आपको  पहले  से  अपना  mind make-up कर  के  रखना  होगा  कि  आप  वो  पा  रहे  हैं  जो  पैसे  से  नहीं  पाया  जा  सकता  और  इसी  सोच  के  साथ  आपको  अपने  काम  में  लगे  रहना  होता  है .
यहाँ  मैं एक  चीज  ज़रूर  कहना चाहूँगा  कि  ऐसी  fields में  भी  जब  आप  fully involved हो  कर  काम  करते  हैं  तो  देर -सबेर  आपको  financially भी  इसका  reward मिलता  है , आप  निःस्वार्थ  भाव  से  अपने  काम  में  लगे  रहिये  आपका  काम  ही  आपका  reward है .
5)      Boredom:
 ऐसा भी  होता  है  कि आप   जिस  चीज को  करना बहुत अधिक  पसंद  करते  हैं  उसी  को  करने  में  बोरीयत  होने  लगे , ऐसे  में  आपको  ये  नहीं  सोचना  चाहिए  कि  आपका  passion ख़तम  हो  गया  है  बल्कि  अपने  काम  को  interesting बनाने  के  लिए  नए  तरीके  और  ideas खोजने  चाहिए . कुछ  दिन  में  खुद -बखुद  boredom ख़तम  हो  जायेगा  और  आप  फिर  से  उसी  जोशो -जूनून  के  साथ  अपने  dream को  pursue कर  पायेंगे .
इतना  ध्यान  रखिये  कि  अपने  दिल  की  सुनने  वाला  हर एक  सफल  व्यक्ति  कभी  ना  कभी  इस  phase से  गुजरता  है  इसलिए  अगर  आप  भी  इस  phase से  गुजरें तो  just be relaxed….ये  भी  सफलता   के  मार्ग  में  आने  वाले  एक  पड़ाव  भर  है .
6)      Focus loose करना  :
I think ये  सबसे  बड़ा  challenge है  जो  ज्यादातर  सपनो  को  पूरा  नहीं  होने  देता . मेरी तरह आपने भी कई  बार  लोगों  को  यह  कहते   सुना होगा   कि  , “ Well begun is half done….पहला  step लेना  ही  सबसे  कठिन  है  उसके  बाद  सब  हो  जाता  है ….etc” पर  मुझे  लगता  है  कि  पहला  step लेना  आसान  है , आप  कोई  भी  काम  कुछ  effort डाल  कर  शुरू  कर  सकते  हैं …कठिन  तो  उसे  पूरा करना है, उसमे सफलता पाना है.
होता  क्या  है  कि  आप  पूरी  energy के  साथ  अपने  दिल  के  कहे  रास्ते  पर  बढ़ते  हैं  , पर  कुछ दूर  जाने  के  बाद  ही  आपको  कई  नए  alternatives दिखने  लगते  हैं ….आपके  मन  में  आने  लगता  है  कि  शायद  ये  काम  छोड़  कर  वो  करें  तो  ज्यादा  अच्छा  रहेगा … फिर  आप  जो  कर  रहे  होते  हैं  उसमे  आपका  focus कम  होने  लगता  है …आप  दूसरी  idea की  तरफ  attract होने  लगते  हैं …और  ऐसा  करने  से  आप  जो  कर  रहे  होते  हैं  उसमे  भी  आप  अपना  100% नहीं  दे  पाते  हैं  and ultimately success से  दूर  रह  जाते  हैं . इसलिए  ज़रूरी  है  कि  आप  अपने  आगाज़  को  अंजाम  तक  पहुंचाएं , बीच  में  अपना  focus ना  loose करें .
स्वामी विवेकानंद ने  भी  सफल  होने  के  लिए  यही  मन्त्र  दिया  है , “
“ एक विचार लो . उस  विचार  को  अपना जीवन  बना  लो – उसके  बारे  में  सोचो  उसके  सपने  देखो , उस  विचार  को  जियो  . अपने मस्तिष्क , मांसपेशियों , नसों , शरीर  के  हर  हिस्से  को  उस विचार में  डूब  जाने  दो , और  बाकी  सभी विचार  को  किनारे  रख  दो . यही सफल  होने  का तरीका  है.”
7)      आपको  ये  पता  चलना  कि  आप  जो  कर  रहे  हैं  वो  आपका  passion नहीं  है :
Shockingggg !!! लेकिन  ये  एक  बहुत  ही  common  scenario है, भले ही आप खुद इसे accept करने से कतराएं  .
हर  दिन  हर  पल  हम  बदल  रहे  हैं , हम  तब  तक  अपनी  true liking नहीं  जान  पाते  जब  तक  हम  उस  काम  को  practically कर  के  नहीं  देखते . हम  कोई  article पढ़  के , कोई  program देख  के, किसी  दोस्त  के  influence में , या  किसी  और  वजह  से  किसी  काम  को   अपना  passion समझ  लेते  हैं  और  उसे  करना  शुरू  करते  हैं  पर  कुछ  दिनों  बाद  ही  हम उस  काम  से  उबने  लगते  हैं , to the extent that हम  उसे  करना  ही  नहीं  चाहते . यह  कुछ  कुछ  Boredom जैसा  ही  है  पर  ये  boredom का  बहुत बड़ा और बिगड़ा हुआ रूप  है  जिसमे  आप  धीरे -धीरे  उस  काम  को  ना  करने  के  excuses खोजने  लगते  हैं .
जब  ऐसा  हो  तो  क्या  करें ? Simple, अपने  नए  passion की  तालाश  शुरू  करें , और  उसे  भी  practically apply करके  देखें , और  अगर  इस  बार  भी  आपको  लगे  कि ये आपके  दिल  की  आवाज़  नहीं  है  तो  फिर  अपने  असली  जूनून  को  खोजने  में  जुट  जाएं .  ये  जीवन  भर  बेमन  का  काम  करने  से  अच्छा  है  कि  देर  से  ही  सही  पर  आप  अपना  passion खोज  पाएं , और  जब  तक  आपको  यह  नहीं  मिलता  तब  तक  खुद  को  financially support करने  के  लिए  कुछ  और  भी  करते  रहे ,may be a 9 to 5 job…tuition पढ़ाना …family business….etc, पर  अपने  passion की  तालाश   को  रोकें  नहीं …उसे  खोज  निकालें …एक दिन यही  खोज  आपको  mediocre life से निकाल  कर  superior life की  तरफ  ले जायेगी.
Friends, तो  ये  थे  वो  सात  challenges जो  आमतौर  पर  आपको   दिल  की  आवाज़  सुनने   में  face करने  पड़ सकते  हैं , पर ध्यान रहे कि ये  कोई  comprehensive list नहीं  है  , इसके  आलावा  भी  कई  और  challenges हैं  जो  आपके  सामने  आ  सकते  हैं  , जैसे  कि  पैसों  की  कमी , परिवार  की  जिम्मेदारी , etc. पर  इन  सब  के  बावजूद passionate लोग  वो  सब  कुछ  कर  गुजरते  हैं  जो  वो  करना  चाहते  हैं ….आप  भी  इन  challenges की  वजह  से  अपने  जोश  को  ठंढा  मत  पड़ने  दीजिये  और  अपने  dreams को  reality बना  कर  दिखाइए , तभी  जीने  का  असली  मजा  है .
All the best :)
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